*लेखक हिमाचल 84 टीवी के संपादक है।*
हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या एक गंभीर चुनौती—-प्रदीप शर्मा
ओमान से प्रदीप शर्मा की विशेष रिपोर्ट
हिमाचल की धरती पर बढता नशा अभिशाप, समस्या गहराई से बढ़ती जा रही है।
नशे के इस दलदल में फंसी हुई आज की युवा पीढ़ी को बचाने के लिए हमें संगठनित प्रयासों की आवश्यकता है। युवा, हमारे भविष्य हैं, नशे के गंभीर प्रभावों के शिकार हो रहे हैं और अपने जीवन को नष्ट कर रहे हैं। इससे न केवल उनका भविष्य को हानि पंहुचता है, बल्कि हमारे समाज का भी पतन हो रहा है। पंजाब के बाद आज हिमाचल में भी नशे की बढती प्रवृत्ति के कारण परिवार खाली हो रहे हैं मां-बाप के आंगन सूने हो रहे हैं, बहनों को राखी डालने के लिए कलाइयां कम पड़ रही है।
नशे के खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। इस महामारी को रोकने के लिए, गांव-गांव और शहर-शहर की जनता को साथ आना होगा। सरकारी अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, और प्रशासन को मिलकर काम करने की जरूरत है। नशा बेचने वाले दलालों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाना पड़ेगा। हमें नवयुवकों को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए भी काम करना होगा। इससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को बचाने में मदद मिलेगी।
साथ ही, प्रशासन को भी इस मुद्दे पर सख्ती से काम करने की आवश्यकता है। नशे के खिलाफ लड़ाई में वे सक्रिय भूमिका निभाना और नशे के बिक्रीदलों को कड़ी सजा देना चाहिए।
अब नहीं, तो कब ?——- हमें इस महामारी के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा, ताकि हमारे हिमाचल प्रदेश का भविष्य सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। यह न केवल हमारा कर्तव्य है, बल्कि हमारे अगले पीढ़ियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और समर्पण का प्रतीक भी है।